भारत में बैरियर-लेस टोलिंग: मासिक और वार्षिक पास की योजना
पुणे: यदि आपके पास एक कार या अन्य कोई मोटर वाहन है, तो आपके लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि सरकार मंथली और वार्षिक टोल फीस के भुगतान की नई व्यवस्था पर काम कर रही है।
इससे वाहन मालिकों को अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा मिलेगी।
गडकरी ने बुधवार को बैरियर-लेस टोलिंग पर एक कार्यक्रम में इस योजना का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी वाहनों के लिए मासिक और वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रही है, क्योंकि वर्तमान में निजी वाहनों का टोल संग्रह में योगदान केवल 26 प्रतिशत है।
टोल बूथों का स्थानांतरण
गडकरी ने यह भी बताया कि टोल कलेक्शन बूथों को गांवों के बाहर स्थापित किया जाएगा ताकि ग्रामीणों की आवाजाही में कोई रुकावट न आए। उन्होंने कहा, "टोल राजस्व का 74 प्रतिशत हिस्सा वाणिज्यिक वाहनों से आता है। हम निजी वाहनों के लिए मासिक या वार्षिक पास की योजना बना रहे हैं।"
सैटेलाइट तकनीक का उपयोग
गडकरी ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग के साथ बैरियर-लेस ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, "GNSS आधारित टोल संग्रह प्रणाली मौजूदा प्रणाली से अधिक प्रभावी होगी।"
पायलट अध्ययन का निष्कर्ष
पिछले साल जुलाई में, गडकरी ने बताया था कि कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसुरु खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर GNSS आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के लिए एक पायलट अध्ययन किया गया था। इसका उद्देश्य टोल बूथों पर ट्रैफिक की भीड़ और प्रतीक्षा समय को कम करना है। यह प्रणाली राजमार्गों पर यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए यात्रियों से शुल्क भी लेगी।